राष्‍ट्रीय

NIA ने जैश-ए-मोहम्मद के उग्रवाद मामले में पांच राज्यों में 19 जगहों पर की छापेमारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन से जुड़ी कट्टरपंथीकरण की गतिविधियों के मामले में पांच राज्यों के 19 स्थानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े व्यक्तियों के कट्टरपंथीकरण से संबंधित चल रही जांच का हिस्सा है।

जम्मू और कश्मीर, असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात में सुबह से ही संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं। यह ऑपरेशन आतंकवादी प्रचार और चरमपंथी गतिविधियों के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।

पूर्व में हुई छापेमारी और गिरफ्तारी

यह छापेमारी दो महीने बाद की गई है, जब NIA ने पांच राज्यों में कई स्थानों पर छापे मारकर शेख सुलतान साला उद्दीन आयुबि उर्फ आयुबि नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। आयुबि की गिरफ्तारी असम, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और जम्मू और कश्मीर में 26 स्थानों पर की गई छापेमारी के बाद हुई थी। आयुबि को साजिश मामले (RC-13/2024/NIA/DLI) में गिरफ्तार किया गया था।

नई छापेमारी और गिरफ्तारियां

इस ऑपरेशन के बाद कई अन्य संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। छापेमारी के दौरान NIA टीमों ने कई संदिग्ध दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, पंफलेट और पत्रिकाएं जब्त की हैं। ये सामग्री संदिग्धों के कट्टरपंथीकरण और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता को लेकर अहम सबूत हैं।

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NIA ने जैश-ए-मोहम्मद के उग्रवाद मामले में पांच राज्यों में 19 जगहों पर की छापेमारी

यह छापेमारी NIA को पूछताछ के दौरान मिले सुरागों और अक्टूबर में की गई छापेमारी में प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर की गई।

कट्टरपंथीकरण और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता

NIA ने बताया कि यह संदिग्ध लोग जैश-ए-मोहम्मद से प्रेरित जमात संगठन में युवाओं को भर्ती करने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने और हिंसक आतंकवादी हमले करने के लिए प्रेरित करने में शामिल थे। इन लोगों का मकसद भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देना था।

NIA ने कहा कि इन संदिग्धों के नेटवर्क का उद्देश्य केवल आतंकवाद फैलाना था, बल्कि वे आतंकवादी प्रचार के माध्यम से युवाओं को प्रभावित कर उन्हें हिंसा में शामिल करने के लिए प्रेरित कर रहे थे।

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आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन का महत्व

NIA की यह बड़ी कार्रवाई आतंकवाद से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आतंकवादी समूहों के नेटवर्क को ध्वस्त करने और उनके मंसूबों को विफल करने में मदद कर रही है। इससे यह संदेश भी जाता है कि भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही हैं।

NIA द्वारा किए गए इस ऑपरेशन से यह भी साफ होता है कि एजेंसी आतंकवाद और कट्टरपंथीकरण के मामलों में कड़ी निगरानी रखे हुए है और किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि को काबू में करने के लिए अपनी कार्रवाई जारी रखेगी।

NIA द्वारा की गई यह छापेमारी देश में आतंकवाद और कट्टरपंथीकरण को फैलाने के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्रवाई उन संदिग्धों को पकड़ने और उनका नेटवर्क तोड़ने के उद्देश्य से की गई है जो जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों के लिए काम कर रहे थे। NIA के इस अभियान से यह भी स्पष्ट है कि भारत में आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा, और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी प्रकार के आतंकवादी खतरे को नाकाम करने के लिए अपनी कोशिशें तेज़ कर रही हैं।

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